मार्जरीआसन की विधि, लाभ व सावधानियाँ / Marjariasana Steps, Benefits & Precautions In Hindi

मार्जरीआसन की विधि, लाभ व सावधानियाँ / Marjariasana Steps, Benefits & Precautions In Hindi

मार्जरीआसन की विधि, लाभ व सावधानियाँ

मार्जरीआसन की विधि / Marjariasana Steps :

मार्जरीआसन को कैट पोज़ ( Cat Pose ) के नाम से भी जाना जाता है। इस आसन को करने के लिये अपने घुटनों और हाथों के बल आ जायें और शरीर को एक मेज की तरह बना ले।
 

आपके हाथ कंधों की सीध में होने चाहिए, हथेलियाँ जमीन से चिपकी हुई होनी चाहिए और आपके घुटनों में पुट्ठों जितना अंतर होना चाहिए।

आपकी गर्दन सीधी और नज़र सामने की तरफ होना चाहिए।

साँस लेते हुए ठोड़ी को ऊपर की ओर सर के पीछे की तरफ ले जायें, अपनी नाभि को जमीन की ओर दबाएँ और कमर के नीचे के हिस्से को छत की तरफ ऊपर उठाते हुए दोनों पुट्ठों को सिकोड़ लें। 

इस स्थिति को कुछ देर बनायें रखें।

अब इसके विपरीत करे यानि सांसो को छोड़ते हुए ठोड़ी को छाती से लगा ले और पीठ को धनुष आकर में जितना हो सकें ऊपर उठा ले और पुट्ठों को ढीला छोड़ दे।

इस स्थिति को कुछ देर बनाये रखने के बाद सामान्य स्थिति में आ जाये।

इस तरह इसे पांच से छै बार किया जा सकता है।

 

 

मार्जरीआसन के लाभ / Marjariasana Benefits :

मार्जरीआसन रीढ़ की हड्ड़ी को लचीला बनाता है।
 

इस आसन को करने से कंधों और कलाई की क्षमता बढ़ती है।
 

इस आसन को करने से पांचन प्रक्रिया में सुधार होता है।
 

मार्जरीआसन रक्त के प्रवाह को बढ़ाता है।
 

मार्जरीआसन करने से मन को शांति मिलती है।

 

 

मार्जरीआसन की सावधानियाँ / Marjariasana Precautions :

पीठ और गर्दन में किसी भी प्रकार का दर्द होने पर यह आसन न करें। 

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