शवासन की विधि, लाभ व सावधानियाँ / Shavasana Steps, Benefits & Precautions

शवासन की विधि, लाभ व सावधानियाँ / Shavasana Steps, Benefits & Precautions :

शवासन की विधि, लाभ व सावधानियाँ / shavasana steps, benefits & precautions

इस आसन को शवासन इसलिए कहा जाता है क्योंकि यह आसन करते समय हमारी स्थिति शव की तरह होती है।  “शव” संस्कृत शब्द है जिसका अर्थ मृत शरीर होता है। योग  के अंत में यह आसन किया जाता है  क्योंकि यह आसन विश्राम करने के लिए होता है। 

शवासन की विधि / Shavasana Steps :

समतल स्थान पर योग मेट या कम्बल विछाकर सीधे लेट जाये और आंखे बंद कर लें।

पैरों को एक दूसरे से दूरी पर रखे, पैर के पंजे एक-दूसरे से विपरीत दिशा में होने चाहिए।

हाथों को शरीर से थोड़ी दूरी पर रखें और हथेलियाँ आसमान की तरफ होनी चाहिए।

सामान्य रूप से सांसे लेते व छोड़ते रहे।

अपना ध्यान सांसो पर केंद्रित करें और महसूस करें कि साँस लेने व छोड़ने से शरीर में कैसा महसूस होता है।

कुछ देर तक इस स्थिति में रहें फिर  बाएं करवट ले लें और कुछ देर लेटे रहे।

कुछ देर के बाद दाएं हाथ का सहारा लेकर उठ जायें।

अब थोड़ी देर तक आराम से बैठे रहे और इसके पश्चात् आंखे खोल लें।

 

 

शवासन के लाभ / Shavasana Benefits :

1. शवासन निम्न रक्त चाप ( low blood pressure), अनिद्रा ( insomnia ) और चिंता ( anxiety ) के मरीजों को बहुत लाभ पहुंचाता है।

2. इस आसन के नियमित अभ्यास से गहन ध्यान की अवस्था प्राप्त की जा सकती है।

 

 

शवासन करते समय  सावधानियाँ / Shavasana Precautions :


इस आसन को करते  समय इतनी सावधानी रखना जरूरी है कि यदि जमीन पर सीधा लेटने से परेशानी होती है तो यह आसन न करें।