उत्कटासन की विधि, लाभ व सावधानियाँ / Utkatasana Steps, Benefits and Precautions In Hindi

उत्कटासन की विधि, लाभ व सावधानियाँ / Utkatasana Steps, Benefits and Precautions In Hindi

उत्कटासन की विधि, लाभ व सावधानियाँ / Utkatasana Steps, Benefits and Precautions In Hindi

उत्कटासन का अर्थ होता है – तीव्र या शक्तिशाली मुद्रा।

यह आसन देखने में जितना आसान लगता है उतना होता नहीं है। इस आसन में एक काल्पनिक कुर्सी में बैठने का प्रयास किया जाता है।

उत्कटासन की विधि / Utkatasana Steps :

यहां पर उत्कटासन करने की दो विधियाँ बताई जा रही है।

पहली विधि –

उत्कटासन करने के लिए सबसे पहले योग मेट या चटाई बिछाले।

अब अपने दोनों पैरों के बीच कंधों जितना अंतर रखते हुए खड़े हो जाये।

इसके पश्चात् अपने दोनों हाथों को सामने की तरफ जमीन के समानांतर करें। आपके हाथों की हथेलियाँ जमीन की तरफ होनी चाहिए।

अब अपने घुटनों को मोड़ते हुए धीरे-धीरे नीचे आने का प्रयास करे जिस प्रकार किसी कुर्सी में बैठा जाता है लेकिन ध्यान रहे आपके घुटने पैरों की उंगलियों से आगे नहीं आने चाहिए।

सामान्य रूप से साँस लेते रहें।

कुछ देर तक इस स्थिति में रुकने के बाद वापस सामान्य स्थिति में आ जाये।

दूसरी विधि –

सबसे पहले सामान्य स्तिथि में खड़े हो जाये।

अपने पैरों के बीच थोड़ा अंतर रखें और अपने हाथों को सिर के ऊपर ले जाये और हथेलियों को आपस में मिलाले।

अब अपनी गर्दन को जितना हो सके पीछे करने का प्रयास करे।

अब अपने घुटनों को मोड़ते हुए नीचे आने का प्रयास करे। आपके घुटने पैरों की उंगलियों से आगे नहीं होने चाहिए।

इस तरह से कुछ देर इस स्तिथि में रहने का प्रयास करे।

सांसे सामान्य रूप से लेते रहे।

इसके बाद सामान्य स्तिथि में आ जाये।

उत्कटासन के लाभ / Utkatasana Benefits :

इस  आसन को करने से रीढ़ की हड्ड़ी मजबूत होती है।

इस आसन से सीने व कमर के नीचे के हिस्से का अच्छा व्यायाम हो जाता है।

यह आसन घुटनों, जांघों, एड़ी व पैरों को मजबूती प्रदान करता है।

इस आसन को करने से शरीर में संतुलन बनता है।

इस आसन से ध्यान करने की क्षमता में भी सुधार होता है।

उत्कटासन की सावधानियाँ / Utkatasana Precautions :

घुटनों में दर्द या एड़ी में कोई समस्या होने पर यह आसन न करें।

सिर में दर्द या कोई बीमारी होने पर भी यह आसन न करें। 

उत्कटासन की विधि, लाभ व सावधानियाँ वीडियो देखें