अर्धचक्रासन / Ardha Chakrasana In Hindi
अर्ध का अर्थ होता है आधा, चक्र का अर्थ होता है पहिया या चका और आसन का अर्थ होता है मुद्रा या स्थिति। इस आसन को करते समय हमारी स्थिति पहिये के आधे भाग की तरह होती है इस कारण इस आसन को अर्धचक्रासन कहा जाता है।
अर्धचक्रासन की विधि:
➤ इस आसन को करने के लिए योग मेट या चटाई बिछाकर सीधे खड़े हो जाये।
➤ अपने दोनों पैरों के बीच लगभग एक से दो इंच का अंतर रखें।
➤ अब अपने दोनों हाथों को अपनी कमर के पीछे की तरफ रखें, ऐसी स्थिति में आपकी दोनों कोहनियाँ एक-दूसरे के सामानांतर होनी चाहिए।
➤ रीढ़ की हड्डी सीधी रखें और साँस लेते हुए कमर के ऊपर के हिस्से को पीछे झुकाने का प्रयास करे साथ ही सिर को भी पीछे झुकाने का प्रयास करें।
➤ अब कुछ देर इस स्थिति में रहने का प्रयास करे और सामान्य रूप से साँस लेते रहें।
➤ कुछ देर इस स्थिति में रुकने के बाद वापस सामान्य स्थिति में आ जाये।
अर्धचक्रासन के लाभ:
➤ इस आसन को करने से पेट की चर्बी कम होती है जिससे वजन कम होता है।
➤ यह आसन डायबिटीज के रोगियों के लिए भी लाभदायक है क्योंकि इस आसन से शुगर कंट्रोल होती है।
➤ यह आसन गर्दन, कमर और पीठ के दर्द को दूर करता है।
➤ इस आसन को करने से रीढ़ की हड्डी लचीली और मजबूत होती है।
➤ यह आसन स्लिप डिस्क और साइटिका के रोगियों के लिए भी लाभदायक है।
➤ अर्धचक्रासन करने से हाथों और कंधों की मांसपेशियाँ मजबूत होती है।
अर्धचक्रासन की सावधानियाँ:
➤ अगर आपकी कमर में दर्द है तो इस आसन को ना करें।
➤ स्लिप डिस्क, साइटिका और कोई गंभीर बीमारी होने पर किसी चिकित्सक से सलाह लेकर ही यह आसन करना चाहिए।
➤ गर्भावस्था में भी यह आसन नहीं करना चाहिए।