माइग्रेन दर्द क्या होता है?
अधिक मात्रा में शराब और सिगरेट पीने से, अधिक तनाव, ठीक से ना सोना, दवाईयों का अधिक सेवन करना, हार्मोनल बदलाव आने पर, दिमाग में केमिकल लोचा होने पर या जेनेटिक कारणों से सिर में अधिक दर्द होता हैं जिसे माइग्रेन कहाँ जाता हैं। सिर में दर्द कभी रुक-रुक कर होता है तो कभी लगातार होता हैं कभी यह दर्द बर्दाश्त से बाहर हो जाता हैं। अधिक रौशनी और आवाज़ के प्रति संवेदनशील होना, हाथ-पैरों में झुनझुनी का आना, उलटी होना माइग्रेन के लक्षण हैं। वैज्ञानिक रिसर्च बताती है कि योग करके माइग्रेन से राहत पाई जा सकती हैं।
माइग्रेन के लिए कौन सा योग करें?
योग में ऐसे कई योगासन है जो माइग्रेन में बहुत लाभ पहुँचाते है, लेकिन इस पोस्ट में हम आपको केवल 7 योगासन बता रहें है। जिनको नियमित करने से माइग्रेन में बहुत लाभ मिलेगा।
1. हलासन
➤ हलासन करने के लिए योग मेट बिछाकर पीठ के बल लेट जाये।
➤ अब अपने दोनों पैरों को आपस में मिलाले और उन्हें एक साथ उठाते हुए सिर से पीछे रखें।
➤ पैरों के घुटने सीधे रहने चाहिए।
➤ आपकी बॉडी का वजन आपके पैरो और कंधों पर रहना चाहिए।
➤ कुछ देर तक इस स्थिति में रुके और वापस सामान्य स्थिति में आ जाये।
➤ अब शवासन में कुछ देर विश्राम करें।
2. बालासन
➤ बालासन करने के लिए सबसे पहले योग मेट बिछाले और वज्रासन में बैठजाये।
➤ अब साँस लेते हुए अपने दोनों हाथों को यथासंभव सिर से ऊपर ले जाये।
➤ साँस छोड़ते हुए अपने माथे को जमीन से लगाने का प्रयास करें और हाथों को सामने की तरफ फैलाले।
➤ सामान्य रूप से साँस लेते रहें और कुछ देर इस स्थिति में रुके।
➤ अब वापस पहली स्थिति में आ जाये।
➤ बालासन करने से रक्त का संचार दिमाग तक अच्छे से होता है।
3. शवासन
➤ शवासन करने से रक्त का संचार अच्छा होता है साथ ही पूरे शरीर को आराम मिलता हैं।
➤ शवासन करने के लिए योग मेट बिछाकर पीठ के बल लेट जाये।
➤ अब अपने दोनों पैरों के बीच थोड़ा अंतर रखें और अपने हाथों को भी जमीन पर फैलाले।
➤ थोड़ी देर तक इस स्थिति में रुके।
➤ अब बाये तरफ करवट लेकर लगभग 2 से 3 मिनट तक रुके।
➤ इसके बाद उठजाये।
4. पश्चिमोत्तानासन
➤ पश्चिमोत्तनासन एकाग्रता बढ़ाने के लिए एक अच्छा आसन हैं।
➤ इसे सामने की तरफ झुककर किया जाता हैं।
➤ इसे करने से पेट, पीठ, हाथों और पैरों में अच्छा खिंचाव आता हैं।
➤ इसे करने से पीठ दर्द, कमरदर्द, सिरदर्द और माइग्रेन ठीक होता हैं।
➤ पश्चिमोत्तनासन करने के लिए जमीन पर बैठ जाए।
➤ अपने पैरों को सामने की तरफ फैलाले और घुटनों को सीधा रखें।
➤ अब साँस लेते हुए अपने हाथों को सिर से ऊपर ले जाये और साँस छोड़ते हुए अपने माथे को घुटनों से लगाने का प्रयास करें।
➤ अपने हाथों से पैरों के पंजों को छूने का प्रयास करें।
➤ थोड़ा रुके और वापस सामान्य स्थिति में आ जाये।
5. मकरासन
➤ मकरासन करने में बहुत ही आसान होता हैं और मन को शांत करता हैं।
➤ मकरासन करने से डिप्रेशन, माइग्रेन और मस्तिष्क विकार दूर होते हैं।
➤ इसे करने के लिए पेट के बल जमीन पर लेट जाये और अपने दोनों पैरों के बीच थोड़ा अंतर रखें।
➤ अपने दोनों हाथों को सामने की तरफ आराम से रखें और अपना सिर उसपर रखलें।
➤ कुछ देर इस स्थिति में रुके और फिर वापस सामान्य स्थिति में आ जाये।
6. उष्ट्रासन
➤ इसे कैमल पोज़ के नाम से भी जानते है क्योंकि इस आसन को करते समय हमारी आकृति कैमल की तरह होती हैं।
➤ इसे करने के लिए अपने घुटनों के बल बैठ जायें।
➤ दोनों घुटनों के बीच थोड़ा अंतर बनाये रखें।
➤ अब अपने कंधों और सिर को पीछे करते हुए अपने दोनों हाथों से पैरों की एड़ियों को पकड़े।
➤ कुछ देर रुके और वापस पहली स्थिति में आ जाये।
7. सेतु बंधासन
➤ सेतुबंधासन को ब्रिज पोज़ भी कहा जाता हैं।
➤ इसे करने से मस्तिष्क में रक्त का संचार बढ़ता हैं।
➤ इसे करने के लिए पीठ के बल जमीन पर लेट जाये।
➤ अपने दोनों पैरों को नितम्बों के पास लाये।
➤ अपने नितम्ब और कमर को जमीन से ऊपर उठा लें।
➤ शरीर का वजन कंधों और पैरों के पंजों पर रहना चाहिए।
➤ थोड़ी देर तक रुके और वापस पहली स्थिति में आ जाये।
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