भस्त्रिका प्राणायाम क्या है, भस्त्रिका प्राणायाम के फायदे | Bhastrika Pranayam Kya Hai, Bhastrika Pranayam Ke Fayde

भस्त्रिका प्राणायाम क्या है, भस्त्रिका प्राणायाम के फायदे | Bhastrika Pranayam Kya Hai, Bhastrika Pranayam Ke Fayde

भस्त्रिका प्राणायाम क्या है, भस्त्रिका प्राणायाम के फायदे | Bhastrika Pranayam Kya Hai, Bhastrika Pranayam Ke Fayde

भस्त्रिका संस्कृत शब्द होता है जिसका अर्थ होता है धौंकनी। धौंकनी लोहार के द्वारा हवा करने के काम आती है जिससे लोहा गरम होता है। लोहे को गरम करने से लोहे में मौजूद अशुद्धियाँ दूर हो जाती है। इसी प्रकार भस्त्रिका प्राणायाम करने से हमारे शरीर में मौजूद अशुद्धियाँ दूर हो जाती है। आज के समय में पॉलुशन, जंक फ़ूड, रासायनिक खाद का अधिक प्रयोग, मिलावट की वजह से हमारे शरीर में कई सारे विषैले तत्व आ जाते है जो कई सारी बीमारियों का कारण बनते है। भस्त्रिका प्राणायाम करने से ये सभी विषैले तत्व हमारे शरीर से बाहर हो जाते है और हम बीमारियों से बच जाते है।

भस्त्रिका प्राणायाम के फायदे (Bhastrika Pranayam Ke Fayde)

(1) भस्त्रिका प्राणायाम करने से नाड़ियाँ शुद्ध होती है। नाड़ियों के शुद्ध होने से शरीर में मौजूद सभी बीमारियाँ ठीक हो जाती है और शरीर निरोगी होता है।

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(2) भस्त्रिका प्राणायाम करते समय हम तेजी से स्वास छोड़ते है जिससे श्वसन तंत्र ठीक से कार्य करता है और श्वास से जुड़ी बीमारियाँ ठीक हो जाती है।

(3) भस्त्रिका प्राणायाम करने से शरीर में गर्मी बढ़ती है जिससे कफ और पित्त से होने वाले रोग ठीक रहते है।

(4) आज के समय में अधिक देर तक बैठकर कार्य करने से, जंक फूड खाने से ज्यादातर लोगों का पेट बाहर आ रहा है। भस्त्रिका प्राणायाम करने से पेट में जमी चर्बी दूर होती है और बढ़ा हुआ पेट अंदर हो जाता है।

(5) जिन लोगों को भूक कम लगती है उन्हें भी भस्त्रिका प्राणायाम करना चाहिए। इस प्राणायाम को करने से भूक अच्छी लगती है।

(6) जिन लोगों का वजन ज्यादा है उन्हें भी भस्त्रिका प्राणायाम करना चाहिए। इसे करने से वजन नियंत्रित रहता है।

(7) भस्त्रिका प्राणायाम करने से फेफड़े मजबूत होते है और फेफड़ों की वायु ग्रहण करने की क्षमता बढ़ती है।

(8) भस्त्रिका प्राणायाम करने से दिल मजबूत होता है और दिल की रक्त नलिये शुद्ध होती है जिससे ब्लॉकेज नहीं होता।

(9) भस्त्रिका प्राणायाम करने से हमारी पाचन शक्ति भी बढ़ती है और पाचन के विकार दूर होते है।

(10) भस्त्रिका प्राणायाम करने से शारीरिक कमजोरी भी दूर होती है।

(11) मस्तिष्क से जुड़ी परेशानियाँ भी भस्त्रिका प्राणायाम करने से दूर होती है और मन शांत रहता है।

(12) इस प्राणायाम को करने से कान, नाक, गले, आंख से जुड़ी बीमारियाँ भी ठीक होती है।

आमतौर पर पूछे जाने वाले सवाल और उनके जवाब

(1) भस्त्रिका प्राणायाम कब करना चाहिए?

भस्त्रिका प्राणायाम का अभ्यास हमेशा सुबह के समय करना चाहिए। सुबह के समय ताजी वायु चलती है जिससे भस्त्रिका प्राणायाम का अधिकतम लाभ मिलता है।

(2) भस्त्रिका कितनी देर करना चाहिए?

भस्त्रिका प्राणायाम का अभ्यास शुरुआत में 5 से 10 मिनट करना चाहिए। इसके समय को बढाकर 15 से 20 मिनट भी कर सकते है। भस्त्रिका प्राणायाम करने से शरीर में गर्मी बढ़ती है इसलिए गर्म मौसम में इसका अभ्यास ज्यादा देर नहीं करना चाहिए।

(3) भस्त्रिका प्राणायाम कब नहीं करना चाहिए?

तेज बुखार होने पर, सिर दर्द होने पर, चोट लगने के तुरंत बाद, ऑपरेशन होने के तुरंत बाद भस्त्रिका प्राणायाम नहीं करना चाहिए।

भस्त्रिका प्राणायाम क्या है, भस्त्रिका प्राणायाम के फायदे जानने के लिए वीडियो देखें

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