अनुलोम विलोम क्या है, अनुलोम विलोम के फायदे | Anulom Vilom Kya Hai, Anulom Vilom Ke Fayde
अनुलोम विलोम प्राणायाम करते समय नाक के एक भाग से सांस ली जाती है और दूसरे भाग से सांस को छोड़ दिया जाता है। अनुलोम विलोम को नाड़ी शोधन प्राणायाम भी कहा जाता है। अनुलोम विलोम करने से शरीर की सभी नाड़ियों का शोधन होता है और सभी नाड़ियाँ स्वच्छ व निरोगी बन जाती हैं। इस प्राणायाम को करने से वृद्धावस्था में जोड़ों का दर्द, सूजन, गठिया की परेशानी, बुढ़ापे के लक्षण नजर नहीं आते है। इस प्राणायाम को करने से हमारा पूरा शरीर स्वस्थ व निरोगी बनता है।
अनुलोम विलोम के फायदे (Anulom Vilom Ke Fayde)
(1) अनुलोम विलोम प्राणायाम करने से हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है जिससे हमें किसी भी प्रकार की एलर्जी नहीं होती। यदि कोई एलर्जी होती है तो वह जड़ से खत्म हो जाती है।
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(2) अनुलोम विलोम प्राणायाम करने से अधिक ठंड पड़ने पर और अधिक गर्मी पड़ने पर भी हमारे शरीर का तापमान संतुलित बना रहता है।
(3) अनुलोम विलोम प्राणायाम करने से टॉन्सिल, डायबिटीज, साइनस, पार्किंसन, सभी प्रकार के चर्म रोग, ब्रेन ट्यूमर, खांसी, सर्दी, सभी प्रकार की एलर्जी, कैंसर, किडनी की बीमारियां, कोलेस्ट्रॉल, वेरीकोज वेन्स, हार्ट के ब्लॉकेज जैसी सभी बीमारियां ठीक हो जाती हैं।
(4) अनुलोम विलोम करने से हमारा ब्लड प्रेशर भी नियंत्रण में रहता है इसलिए जिन्हें हाई ब्लड प्रेशर या लो ब्लड प्रेशर की परेशानी है उन्हें भी इसका अभ्यास जरूर करना चाहिए।
(5) मस्तिष्क से संबंधित किसी भी प्रकार की बीमारी होने पर भी अनुलोम विलोम का अभ्यास लाभदायक साबित होता है।
(6) अनुलोम विलोम करने से हमारी स्मरण शक्ति बढ़ती है।
(7) अनुलोम विलोम करने से हमारे पूरे शरीर में शुद्ध ऑक्सीजन की आपूर्ति बढ़ जाती है जिससे हमारे शरीर के सभी भागों को पर्याप्त ऑक्सीजन मिल पाती है।
(8) अनुलोम विलोम करने से तनाव और चिंता दूर होते हैं और हमें मानसिक शांति प्राप्त होती है।
(9) अनुलोम विलोम करने से पाचन तंत्र दुरुस्त होता है जिससे पाचन की परेशानियां जैसे की कब्ज, गैस, अपच ठीक रहते हैं।
(10) अनुलोम विलोम का अभ्यास करने से हमारे फेफड़े और दिल शक्तिशाली बनते हैं।
(11) अनुलोम विलोम प्राणायाम करने से हमारे फेफड़े की ऑक्सीजन भरने की क्षमता बढ़ती है जिससे हम ठीक से सांस ले पाते हैं इसलिए जिन लोगों को सांस लेने में परेशानी होती है उन्हें इसका अभ्यास जरूर करना चाहिए।
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(12) अनुलोम विलोम प्राणायाम करने से हमारी आंखों का स्वास्थ्य भी अच्छा बना रहता है इसलिए जिन लोगों को कम दिखाई देता है या आंखों से संबंधित कोई बीमारी है उन्हें भी अनुलोम-विलोम जरूर करना चाहिए।
(13) यदि आपको अनिद्रा की परेशानी है तब भी अनुलोम विलोम का अभ्यास लाभदायक साबित होता है।
(14) अनुलोम विलोम प्राणायाम करने से हमारे अंदर सकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है जिससे हमारा उत्साह और आनंद भी बढ़ जाता है।
आमतौर पर पूछे जाने वाले सवाल और उनके जवाब
(1) अनुलोम विलोम कितने मिनट करना चाहिए?
यदि आपने अभी-अभी अनुलोम विलोम प्राणायाम करना शुरू किया है तो आपको 2 से 4 मिनट तक अनुलोम विलोम का अभ्यास करना चाहिए। इसके बाद आपको इसके समय को बढ़ाना चाहिए और 15 से 20 मिनट तक अनुलोम विलोम का अभ्यास करना चाहिए।
(2) अनुलोम विलोम से कौन सा रोग दूर होता है?
अनुलोम विलोम प्राणायाम करने से लगभग सभी प्रकार के रोग दूर होते हैं। इसके अभ्यास से सभी प्रकार की एलर्जी ठीक होती है, टॉन्सिल, साइनस, डायबिटीज, चर्म रोग, ब्रेन टयूमर, सर्दी, खांसी, कैंसर, किडनी की बीमारियां, कोलेस्ट्रॉल, हार्ट के ब्लॉकेज, मस्तिष्क से संबंधित बीमारियां, तनाव, पाचन शक्ति से जुड़ी बीमारियां, स्वास से संबंधित बीमारियां सभी रोग ठीक होते हैं।
(3) अनुलोम विलोम खाना खाने के कितनी देर बाद कर सकते हैं?
अनुलोम विलोम खाना खाने के 3 से 4 घंटे बाद किया जा सकता है। कभी भी खाना खाने के तुरंत बाद कोई भी योगाभ्यास नहीं करना चाहिए। केवल वज्रासन का ही अभ्यास खाना खाने के तुरंत बाद कर सकते हैं।
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